कोरोना से पति को खोने वाली महिला सब्जी की खेती से बनी लखपति

महाराष्ट्र

गोंदिया: कोरोना काल में हर कोई प्रभावित हुआ है. किसी ने अपने पिता को खोया, किसी ने माता को खोया. कुछ महिलाओं का सुहाग ही उजड़ गया. लेकिन कुछ महिलाओं ने इस गंभीर समय को चुनौती देते हुए अपना और अपने परिवार को फिर से खड़ा कर दिया है. (The woman who lost her husband from Corona became a millionaire from vegetable cultivation)

महाराष्ट्र में गोंदिया जिले में प्रमुख रूप से धान का उत्पादन होता है. जिले में औसतन वार्षिक 1250 से 1300 मि.मी. वर्षा होती है. किसान को हमेशा इस दुविधा का सामना करना पड़ता है कि धान के अलावा वह खेत में क्या उगाए. इसी वजह से वे आसानी से वैकल्पिक फसल लेने को तैयार नहीं हैं. लेकिन किसानों के सामने डोंगरगांव निवासी पल्लवी वैभव गजभिये ने मिसाल पेश की है. कोरोना की दूसरी लहर में पति को खोने वाली पल्लवी सब्जियों की खेती से लखपति बन गई हैं.

कोरोना से पति का निधन हो जाने की वजह से पल्लवी के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. लेकिन उसने हौंसला नहीं खोया और परिवार को इस संकट से उबारने खेती के व्यवसाय की ओर आगे बढ़ी. उसने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सब्जी की खेती करने का फैसला किया.

कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के मार्गदर्शन में वर्ष 2021-22 की ग्रीष्म ऋतु में क्रिश किस्म की ककड़ी की बुवाई की. तहसील कृषि अधिकारी ने पल्लवी को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2021-22 के तहत एकीकृत बागवानी अभियान और ड्रिप सेट के तहत 0.60 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए प्लास्टिक मल्चिंग का लाभ दिया.

पल्लवी को जमीन तैयार करने, बीज, खाद, कीटनाशक दवा, बांस, प्लास्टिक मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई और श्रम में 2.50 लाख रूपए का खर्च आया और 36 मेट्रिक टन ककड़ी का उत्पादन लिया. इस माल को स्थानीय बाजार तथा नागपुर की कृषि उपज मंडी में प्रति किलो 12 रूपए के भाव से बिक्री किया. पल्लवी ने खर्च घटाने के बाद एक सीजन में 1.86 लाख रूपए का मुनाफा कमाया. कक ड़ी की फसल की अवधि लगभग तीन महीने होती है और सब्जियां साल में तीन बार उगाई जाती हैं.

आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सब्जियों की खेती से पल्लवी अब अपने परिवार का अच्छी तरह से भरण-पोषण करने में सक्षम हो गई हैं. आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. पल्लवी ने बताया कि अन्य किसानों को भी फसल की पद्धति में बदलाव कर धान के साथ सब्जी की फसल का उत्पादन लेना चाहिए. पल्लवी अन्य महिला किसानों के सामने भी मिसाल बन गई हैं.